धेनु: (गौः) पर संस्कृत में निबंध – Cow Essay in Sanskrit

धेनु: (गौः) पर संस्कृत में निबंध - Cow Essay in Sanskrit

धेनु (गाय) पर संस्कृत निबंध – गाय का धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व संस्कृत भाषा में।

“धेनुः भारते पूज्या अस्ति। एषा केवलं दुग्धदायिनी नास्ति, अपितु मातृवत् संरक्षणं, पोषणं च करोति।”

धेनु: (गाय) पर संस्कृत निबंध

 

धेनुः (गौः)

(१) धेनुः एकः उपयोगी पशुः अस्ति।
(२) धेनवः विविधवर्णाः भवन्ति।
(३) अस्माकं देशे धेनुः अति महत्त्वं अस्ति।
(४) सा गोमाता इति कथ्यते।
(५) सा शुष्कतृणानि घासं च खादति ।
(६) सा मधुरं दुग्धं ददाति।
(७) जनाः धेनुं स्नेहेन पालयन्ति ।
(८) तस्याः वत्सा: कृषकेभ्यः लाभप्रदा: भवन्ति । ते हलं कर्षन्ति ।
(९) धेनुः दुग्धेन दधिघृततक्रादिकं च निर्मीयन्ते।
(१०) अतः गौः सर्व पशूनां उत्तमः पशुः अस्ति।

 

हिन्दी अनुवाद

 

धेनुः (गाय)

(1) गाय एक उपयोगी पशु है।
(2) गायें विभिन्न रंगों की होती हैं।
(3) हमारे देश में गाय का बहुत महत्त्व है।
(4) उसे ‘गोमाता’ कहा जाता है।
(5) वह सूखी घास और हरी घास खाती है।
(6) वह मीठा दूध देती है।
(7) लोग गाय की सेवा और पालन करते हैं।
(8) उसके बछड़े किसानों के लिए लाभदायक होते हैं। वे हल जोतते हैं।
(9) गाय के दूध से घी, दही, मक्खन आदि बनते हैं।
(10) इसलिए गाय को सभी पशुओं में उत्तम माना गया है।

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